मंगल भात पूजा उज्जैन: महत्व और विधि

मंगल भात पूजा उज्जैन में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली पूजा है, जो विशेष रूप से मंगल दोष से पीड़ित व्यक्तियों द्वारा की जाती है। यह पूजा भगवान मंगल (मंगल ग्रह) को प्रसन्न करने और उनके शुभ आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है। उज्जैन, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व प्राप्त है, विशेष रूप से अपने पवित्र स्थल और ज्योतिषीय महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर किए जाने वाले मंगल भात पूजा के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करता है।

मंगल भात पूजा का महत्व

मंगल भात पूजा का महत्व विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए है, जिनकी कुंडली में मंगल दोष (Mangal Dosh) है। मंगल दोष, जिसे कुजा दोष भी कहा जाता है, तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह जन्म कुंडली के सप्तम, चौथे, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है। ऐसा होने पर व्यक्ति को जीवन में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जैसे विवाह में देरी, पारिवारिक कलह, स्वास्थ्य समस्याएं और मानसिक तनाव।

मंगल भात पूजा एक प्रभावी उपाय मानी जाती है, जो व्यक्ति के जीवन में मंगल दोष के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं को शांत करने के लिए की जाती है। इस पूजा के माध्यम से भगवान मंगल की कृपा प्राप्त होती है, जो व्यक्ति को जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य प्रदान करते हैं।

मंगल भात पूजा की विधि

मंगल भात पूजा की विधि सरल लेकिन प्रभावी है, जिसमें कुछ विशेष अनुष्ठानों और विधियों का पालन किया जाता है। यह पूजा मुख्य रूप से मंगल ग्रह से जुड़े कर्मों को शांति देने के लिए की जाती है। आइए जानते हैं इस पूजा की विधि:

1. उज्जैन में पूजा स्थल का चयन

मंगल भात पूजा को उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में किया जाता है, जो भगवान मंगल का प्रमुख स्थान है। मंगलनाथ मंदिर को मंगल ग्रह के प्रसन्न होने का मुख्य स्थल माना जाता है। यहां पर भक्तों को विशेष रूप से मंगल भात पूजा करने की सलाह दी जाती है, ताकि उनका मंगल दोष दूर हो सके और उन्हें जीवन में समृद्धि मिल सके।

2. पवित्र स्नान और उपवासी रहना

पूजा की शुरुआत से पहले भक्तों को पवित्र स्नान करने का निर्देश दिया जाता है। इस दौरान उपवासी रहने की भी सलाह दी जाती है, ताकि व्यक्ति पूरी तरह से ध्यान और भक्ति भाव से पूजा में सम्मिलित हो सके।

3. भगवान मंगल की पूजा

पूजा के दौरान भगवान मंगल की विशेष पूजा की जाती है। इसमें भगवान मंगल के चित्र या प्रतिमा को लाल फूलों से सजाया जाता है। इसके बाद भगवान मंगल के मंत्रों का जाप किया जाता है। मुख्य मंत्र है:

“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सा भौमाय नम:”

यह मंत्र मंगल ग्रह को शांत करने और उनके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है।

4. भात का प्रसाद

मंगल भात पूजा में एक विशेष प्रथा है – भात का प्रसाद अर्पित करना। भक्त विशेष रूप से पके हुए चावल (भात) का भोग भगवान मंगल को अर्पित करते हैं। यह भात भगवान को समर्पित करने के बाद परिवार के सभी सदस्य खाते हैं। इसे भगवान के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।

5. हवन और आहुति

मंगल भात पूजा में हवन या यज्ञ का आयोजन भी किया जाता है। हवन के दौरान आहुति दी जाती है, जिसमें विशेष प्रकार की सामग्री, जैसे तिल, घी, और चूरमा, आग में अर्पित की जाती है। यह हवन मंगल ग्रह के शुभ प्रभाव को बढ़ाने और उसकी ऊर्जा को शांत करने का काम करता है।

6. प्रसाद वितरण और आशीर्वाद

पूजा समाप्त होने के बाद, भक्त प्रसाद वितरण करते हैं और भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह पूजा व्यक्ति के जीवन को मंगलमय बनाने के लिए की जाती है।

मंगल भात पूजा के लाभ

मंगल भात पूजा के कई लाभ होते हैं, जो विशेष रूप से मंगल दोष से प्रभावित व्यक्तियों को राहत प्रदान करते हैं। कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

  • विवाह में देरी का समाधान: मंगल दोष से विवाह में देरी की समस्या हो सकती है। मंगल भात पूजा के माध्यम से विवाह के योग बनते हैं और विवाह में आने वाली बाधाएं समाप्त हो जाती हैं।
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं: मंगल दोष के कारण स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे शारीरिक दर्द, मानसिक तनाव, और अनिद्रा। यह पूजा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है।
  • आर्थिक समृद्धि: मंगल ग्रह से जुड़ी ऊर्जा को शांत करके व्यक्ति के जीवन में आर्थिक समृद्धि आती है।
  • व्यक्तिगत जीवन में शांति: मंगल भात पूजा से जीवन में शांति और संतुलन आता है, और पारिवारिक जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है।

निष्कर्ष

मंगल भात पूजा उज्जैन में भगवान मंगल की पूजा करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है, विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए जो मंगल दोष से प्रभावित हैं। इस पूजा से न केवल मंगल ग्रह के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है, बल्कि यह जीवन में समृद्धि, शांति और स्वास्थ्य के लाभ भी प्रदान करती है। उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है और भगवान मंगल की कृपा प्राप्त कर सकता है।

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